भारत का पड़ोसी बांग्लादेश एक बार फिर हिंसा की आग में जल रहा है. स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है. पिछले साल शेख हसीना के खिलाफ हुए विद्रोह में शामिल शरीफ उस्मान हादी की मौत के बाद पूरे देश में हिंसा फैल गई है. हादी की मौत की खबर के बाद, ढाका यूनिवर्सिटी कैंपस के पास शाहबाग स्क्वायर पर भारी संख्या में लोग जमा हुए और जमकर नारेबाजी की. देश के दूसरे हिस्सों में भी इसी तरह के विरोध प्रदर्शन हुए. हिंसा में गुरुवार रात दीपू चंद्र दास नामक एक हिंदू युवक की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई, जिसके बाद पेड़ से बांधकर उसे जलाया गया.
दंगाईयों ने चटगांव स्थित भारतीय सहायक उच्चायुक्त के आवास पर भी हमला बोला हालांकि इसमें किसी को नुकसान नहीं पहुंचा है. हादी के समर्थकों ने बांग्ला समाचारपत्र प्रथम आलो और पास स्थित डेली स्टार के दफ्तर पर भी हमले कर दिए. दफ्तर में जमकर तोड़फोड़ की और उसमें आग लगा दी. वहां मौजूद पत्रकारों को भी डराया-धमकाया गया.
हिंसा के दौरान बांग्लादेश के संस्थापक राष्ट्रपति शेख मुजीबुर रहमान के ढाका स्थित घर धानमंडी-32 को भी तोड़ दिया गया. बांग्लादेश में अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद युनूस के आलोचकों और हसीना की पूर्व अवामी लीग पार्टी ने बांग्लादेश में इस्लामवादियों के बढ़ने के लिए अंतरिम सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. वहीं, भारत ने भी बांग्लादेश के हालत पर चिंता जताई है.