कहते हैं कि बेटा बड़ा होकर बूढ़े मां-बाप की लाठी का सहारा बनता है। मां-बाप की हर छोटी-छोटी से ख्वाहिश पूरी करने में वह कोई कोर कसर नहीं छोड़ता। लेकिन इस कलयुग में खुल्दाबाद क्षेत्र में एक घर ऐसा भी है जहां बहू-बेटे ने अपनी ही बूढ़ी मां 6 दिन पूर्व घर में बिस्कुट के सहारे कैद कर बिहार चले गए। सोमवार को बुजुर्ग की चीख पुकार सुनकर मोहल्लेवालों की भीड़ जुट गई। सूचना पाकर खुल्दाबाद पुलिस भी पहुंची और ताला तोड़कर बुजुर्ग महिला को बाहर निकाला और खाना खिलाया। बहू-बेटे की करतूत से हर कोई हतप्रभ है और उनमें आक्रोश भी भरा है।
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