जाति धर्म और भेदभाव के बंधनों को तोड़कर गोंडा का एक गांव रविवार रात बिन बाबुल की दलित बेटी के हाथ पीले करा रहा है। गरीब दलित के आंगन में शहनाईयां गूंज रही है तो गांव वालों का स्नेह देख मां की आंखों से आंसुओं की बारिश हो रही है। खास बात यह कि शादी का कार्ड पंडित बिरादरी ने छपवाया तो मेजबानी की जिम्मेदारी और समुदाय के लोग उठा रहे हैं।