Bhimrao Amdebdar statue in dirty pond in Kanpur
कानपुर। देश का संविधान लिखने वाले डॉ भीमराव अंबेडकर की आज जयंती है। कानपुर के जूही इलाके में तालाब के बीच लगी भीमराव अंबेडकर की मूर्ति की सुधि लेने वाला कोई नहीं। राजनैतिक दल दलितों के वोट को पाने के लिए डॉ अंबेडकर के नाम में रामजी लगाकर उनको अपने तरीके से सम्मानित कर रहे हैं लेकिन बदहाली की इस तस्वीर पर किसी की नजर नहीं पड़ती है।
गंदे पानी से भरा हुआ तालाब के बीचों-बीच खड़े बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर यह तस्वीरें हैं, औद्योगिक नगरी कानपुर की। 14 अप्रैल के दिन सभी राजनैतिक दल बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की जयंती मना रहे हैं। तस्वीरो में साफ-साफ देख सकते हैं कि किस तरह लोग अपने हाथो में फूल-माला लेकर तालाब के गंदे पानी से होते हुए बाबा साहेब की मूर्ति की तरफ बढ़ रहे हैं। एक युवक के कंधे पर माला है तो दूसरा अपने हाथों में मिष्ठान लिए हुए है।
महापुरुषों के देश को दिए गए अहम योगदान को बताते हुए सभी राजनैतिक दल दावे तो बढ़-चढ़कर करते हैं, महापुरुषों को अपना मसीहा तक बताते हैं लेकिन कानपुर की यह तस्वीर उनके दावों की पोल खोल रही है।