कठुआ में गैंगरेप के बाद बेरहमी से मारी गई बच्ची की उम्र सिर्फ 8 साल थी. इस वारदात के बाद पूरे देश में मुहिम चलने लगी कि मासूम बच्चों के साथ दरिंदगी करने वालों को फांसी की सज़ा दी जानी चाहिए. केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने कहा भी था कि सरकार पॉक्सो कानून में बदलाव करने पर विचार कर रही है. आज केंद्र सरकार ने इस बदलाव को मंजूरी दे दी. कठुआ और उन्नाव गैंगरेप के बाद खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बलात्कार की घटनाओं पर सख्त रवैया अपनाया था. उन्होंने ब्रिटेन दौरे से लौटते ही आज कैबिनेट की मीटिंग बुलाई, जिसमें पॉक्सो और बलात्कार से जुड़े कानूनों में बदलाव को मंजूरी दे दी गई. केंद्र सरकार ने अब जो नया अध्यादेश मंजूर किया है, उसमें ये प्रावधान है कि 12 साल से कम उम्र के बच्चों से रेप करने वालों को फांसी की सजा भी हो सकती है. ऐसे मामलों में कम से कम 20 साल की सज़ा होगी. 16 साल से कम उम्र की बच्चियों से रेप के मामले में अग्रिम जमानत का कोई प्रावधान नहीं होगा. आरोपियों को जमानत देने से 15 दिन पहले कोर्ट की ओर से पब्लिक प्रॉसिक्यूटर और पीड़ित को नोटिस देना होगा.
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