झालावाड़ जिले के डग कस्बे में होली के दिन 52 सालों से चली आ रही आग से सुर्ख धधकते अंगारों पर नंगे पांव निकलने की अनोखी परंपरा का ग्रामीणों ने निर्वहन किया है, जिसे देखने के लिए हर साल की तरह बड़ी संख्या में लोग जमा हुए. होली के मौके पर यह चूल परंपरा डग के चौकड़ी दरवाजा स्थित हनुमान मंदिर पर मनाई जाती है. श्रद्धालु 10 फीट लंबी डेढ़ फीट चौडी और सवा दो फीट गहरी खाई खोदकर उसमें 2 क्विंटल लकड़ी के धधकते अंगारों को तैयार करके नंगे पैर निकलते थे. हर उम्र का पुरूष व महिलाएं चूल परंपरा का निभाता है. ग्रामीणों का पांच दशक से ज्यादा समय से चली आ रही परंपरा से यूं जुडाव है. लोगों का मानना है कि अंगारों पर इस तरह निकलने से उनकी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.