सफलता का असली मतलब क्या है? क्या सफलता का सबके लिए अलग-अलग माप दंड होता है?
सफलता एक वो मंज़िल है जो महीनो, सालों की मेहनत और लगन का अंजाम होती है| सबको ज़िन्दगी में सफलता की चाह होती है पर सफलता असल में है क्या?
यही बताने आज के हमारे स्पीकर कुलजीत सिंह जी अपने ज़िन्दगी के कुछ अनकहे किससे बताएंगे|
अटेलिएर थिएटर के डायरेक्टर एवं इंग्लिश लिटरेचर के प्रोफेसर कुलदीप सिंह ने कैसे कभी पैसों को सफलता नही समझा और निरंतरता के साथ काम करते हुए आज थिएटर में सफलता हांसिल कर चुके है और कहते हैं कि सफलता पैसे पाने में नहीं बल्कि काम को करने में मिली खुशी में होती है। कुलदीप सिंह ने अपनी ज़िन्दगी में कभी भी पैसे को सफलता से नहीं नापा | उन्होंने हमेशा पैसे को सफलता का बस एक पड़ाव माना पर कभी भी पैसे को सफलता के तुल्य नहीं रखा| कुलदीप सिंह का सफर थिएटर तक का काफी लम्बा सफर था | कुलदीप के कॉलेज के पहले साल में उन्होंने थिएटर जॉइन किया, उनका कॉलेज का पहला नाटक मुआवज़ा था| आत्मविश्वास की कमी के कारन उन्होंने अपने पांव पीछे कर लिए पर उन्होंने दुबारा कोशिश की और सफलता हासिल हुई| कुलजीत सिंह की इस सफलता की कहानी सभी के लिए एक प्रेरणात्मक उदाहरण है की ज़िन्दगी में विश्वास व एक ही कार्य को बार बार करने से हमेशा सफलता मिलती है| कुलजीत सिंह आज के एक जाने माने थिएटर आर्टिस्ट है जिन्होंने कई जानी मानी हस्तियों के साथ काम किया हुआ है जैसे की कल्कि कोचलिन आदि|
- Josh Talks Hindi