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प्रयागराज। अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने राम मंदिर निर्माण के लिए अब प्रयागराज के शंकरगढ़ क्षेत्र के पत्थरों को भी अयोध्या पहुंचाने की तैयारी आरंभ कर दी है। अयोध्या में बनने वाले राममंदिर में शंकरगढ़ के पत्थरों का भी प्रयोग होगा। खास बात यह कि इन पत्थरों का इस्तेमाल संगम तट स्थित अकबर के किले में भी किया जा चुका है।

राम जन्म भूमि मंदिर न्यास की अयोध्या में बनी कार्यशाला में मंदिर इस्तेमाल पत्थर का संग्रह पिछले कई वर्ष से चल रहा है। यहां मंदिर निर्माण में लगने वाले तकरीबन 70 फीसदी पत्थर पहुंच भी चुके हैं। अधिकांश में नक्काशी भी की गई है। यहां रखे अधिकतर पत्थर राजस्थान से लाए गए हैं। विहिप के केंद्रीय संत संपर्क प्रमुख अशोक तिवारी बताते हैं कि राजस्थान से जो पत्थर अयोध्या की कार्यशाला में लाए गए, वह काफी उन्नत किस्म के हैं। इन पत्थरों का क्षरण कम होता है। हालांकि वहां खनन पर रोक लगने के बाद अन्य विकल्पों पर विचार किया गया। इसमें शंकरगढ़ और मिर्जापुर के पत्थर को विकल्प के रूप में देखा जा रहा है।

बता दें कि शंकरगढ़ के पत्थर की क्वालिटी भी काफी अच्छी मानी जाती है। प्रयागराज के अकबर किले में इसी का इस्तेमाल हुआ है। यहां हर वर्ष यमुना में आने वाली बाढ़ के दौरान किले की एक चौथाई से ज्यादा दीवार पानी में ही डूब जाती है। इसके अलावा शंकरगढ़ स्थित गढ़वा के किले में भी इस पत्थर का प्रयोग किया गया है। गुप्त काल में बने इस किले को शंकरगढ़ केे उन्नत पत्थरों से ही बनाया गया है। यह किला भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग द्वारा संरक्षित है। अब यही पत्थर विहिप ने अयोध्या भेजने की तैयारी की है।

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