केंद्र सरकार ने अयोध्या(Ayodhya) में राम मंदिर(Ram Mandir) निर्माण के लिए एक स्वायत्त ट्रस्ट श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के गठन को मंजूरी दे दी है। सरकार द्वारा अयोध्या में राम मंदिर के निर्णाण के लिए ट्रस्ट बनाए जाने की घोषणा के साथ ही इस पर राजनीतिक बयानबाजी भी शुरू हो गई है। AIMIM के चीफ असदुद्दीन ओवैसी(Asaduddin Owaisi) ने इस घोषणा के समय पर सवाल उठाया है। ओवैसी ने कहा कि संसद का सत्र 11 फरवरी को समाप्त हो रहा है। यह घोषणा 8 फरवरी के बाद की जा सकती थी। ऐसा लगता है कि बीजेपी दिल्ली चुनावों को लेकर चिंतित है। उन्होंने कहा कि बाबरी मस्जिद के विध्वंस को हम भूलने वाले नहीं है। ओवैसी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने अगर कार सेवा की इजाजत नहीं देता तो मस्जिद वहां नहीं टूटती। उन्होंने कहा कि हम अपनी आने वाली पीढ़ी को बताएंगे कि कैसे बाबरी मस्जिद टूटी है। ओवैसी ने कहा कि जिन लोगों ने बाबरी मस्जिद का ढांचा ढहाया था, उन्हें ही मंदिर बनाने का काम सौंपा जा रहा है। बाबरी मस्जिद के विध्वंस को आने वाली नस्लों को भूलने नहीं दिया जाएगा। ओवैसी ने कहा, 'बाबरी मस्जिद को न तो हम भूलेंगे और न आने वाली पीढ़ियों को भुलाने दिया जाएगा।पीएम नरेंद्र मोदी (PMNarendra Modi)ने लोकसभा में बताया कि यह ट्रस्ट अयोध्या में भगवान श्रीराम की तीर्थस्थली पर मंदिर के निर्माण और उससे संबंधित विषयों पर निर्णय लेने के लिए पूर्ण रूप से स्वतंत्र होगा। यह मंदिर कैसा होगा फिलहाल इस पर कोई अंतिम रूपरेखा तैयार नहीं है लेकिन अगर विश्व हिंदू परिषद के बनाए नक्शे का पालन किया गया तो इसका अनुमान लगाया जा सकता है।वीएचपी ने कई साल मंदिर निर्माण के लिए अलग-अलग नक्शों पर विचार किया और फिर एक नक्शा तैयार किया। इस नक्शे को राम मंदिर का मूल स्वरूप माना जा रहा है। इस प्रस्तावित नक्शे के मुताबिक मंदिर 128 फीट ऊंचा, 140 फीट चौड़ा और 270 फीट लंबा होगा। इस दो मंजिला मंदिर में 212 स्तंभों होंगे। इसकी छत में एक शिखर होगा जिसे भव्यता को ध्यान में रखकर बनाया जाएगा।