राजधानी दिल्ली का एक हिस्सा तीन दिन तक जलता रहा. दंगाइयों ने हत्या करने के साथ-साथ जमकर लूटपाट और आगज़नी की और दिल्ली पुलिस इसे रोक पाने में पूरी तरह फेल साबित हुई. दिल्ली पुलिस पर यह भी आरोप है कि सांप्रदायिक हिंसा के इस मामले में उसकी भूमिका तमाशबीन की बनी रही.
यही वजह है कि दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस मुरलीधर और तलवंत सिंह ने दिल्ली पुलिस को जमकर फटकार लगाई और हिंसा भड़काने से पहले भड़काऊ भाषण देने वाले नेताओं पर एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए. दिल्ली हाई कोर्ट ने आज और क्या-क्या कहा, बता रहे हैं हमारे सहयोगी सिद्धार्थ पांडेय।
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