शामली सरकार के लाखों प्रयासों के बावजूद भी सरकारी अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाओं के दावे खोखले साबित हो रहे है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में अक्सर डॉक्टर नदारद रहते हैं। इस वजह से मरीजों को इलाज के लिए भटकना पड़ रहा है।इसके अलावा अस्पताल में पर्याप्त सुविधाएं नहीं, तो डॉक्टर भी मनमानी कर रहे है। शुक्रवार को भी डॉक्टर ओपीडी से नदारद हो गए। बताया गया है कि डॉक्टर अपने केबिनों में कभी भी समय से नहीं पहुंचते हैं। जब चाहे, उस समय अस्पताल पहुंचते हैं और जब मर्जी, तब चले जाते हैं। घंटों मरीज डॉक्टरों के इंतजार में लाइनों में खड़े रहते हैं। वहीं भारत में कोरोना वायरस के केस आने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने सरकारी अस्पतालों में अलर्ट जारी कर रखा हैं, लेकिन सरकारी अस्पताल में डॉक्टरों द्वारा मरीजों के प्रति बड़ी लापरवाही बरती जा रही हैं। एक माह पहले राज्य महिला आयोग की सदस्य डॉ. प्रियंवदा तोमर ने भी अस्पताल का निरीक्षण करते हुए डॉक्टरों को सख्त चेतावनी दी थी। इसके बावजूद भी डॉक्टरों की कार्यशैली में कोई सुधार नहीं हुआ हैं।