महाकाल मंदिर में होली का रंग चढ़ना शुरू हो गया है। होलिका दहन से पहले बाबा महाकाल ने गुलाब व टेसू के फूलों से होली खेली। रिवाज है कि महाकाल को रंग और गुलाल लगने के बाद ही भक्त रंगों का यह त्योहार मानते हैं।