दिसंबर 2012 में देश को हिला देने वाले निर्भया गैंगरेप केस के दोषियों को अभी तक फांसी नहीं हो सकी है। वह भी तब जब सुप्रीम कोर्ट ने करीब तीन साल पहले निर्भया के दोषियों को फांसी की सजा सुनाई थी। दिल्ली की ट्रायल कोर्ट ने दोषियों को फांसी देने के लिए 22 जनवरी का दिन तय किया था। लेकिन ऐसा लगता है कि इन दोषियों ने कानूनी प्रक्रिया को एक चक्रव्यूह की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं और लगातार इनकी सजा में देरी हो रही है। इनके वकील तभी से एक के बाद एक याचिकाएं दायर कर रहे हैं। आज सुप्रीम कोर्ट केंद्र की याचिका पर सुनवाई करेगी जिसमें दोषियों को अलग-अलग फांसी देने की मांग की गई है। गुरुवार को जस्टिस आर भानुमती, अशोक भूषण और ए एस बोपन्ना ने इस मामले से जुड़ी दो याचिकाओं की सुनवाई की। एक याचिका केंद्र सरकार द्वारा दायर की गई थी। इस याचिका में चारों दोषी- मुकेश सिंह, विनय शर्मा और अक्षय ठाकुर को अलग-अलग फांसी देने की बात थी। राष्ट्रपति ने इनकी दया याचिकाओं को खारिज कर दिया है। एक दूसरी अर्जी दोषियों के वकील एपी सिंह ने दायर की थी