अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने पिछले दिनों डॉक्टरों के हवाले से दावा किया था कि कोरोना वायरस से निपटने में हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन (Hydroxychloroquine ) दवाई काफी कारगर साबित हो सकती है। इतना ही नहीं उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को फोन कर इसकी नई खेप भेजने का भी आग्रह किया था क्योंकि भारत इस दवाई का सबसे बड़ा उत्पादक है। यहां तक कि ट्रंप ने इस मुद्दे पर भारत को धमकी भी दी कि अगर भारत इस दवा को नहीं भेजता है तो वह भारत पर जवाबी कार्रवाई करेंगे।
बता दें कि ट्रंप लगातार कोरोना वायरस से निपटने में इस ऐंटी-मलेरिया टैबलेट (anti malaria table) के इस्तेमाल पर जोर दे रहे हैं जबकि कई वैज्ञानिकों का मानना है कि वायरस पर इसके असर की पुष्टि नहीं हुई है। तो आखिर ट्रंप क्यों इतना दबाव डाल रहे हैं, इसको लेकर अमेरिकी अखबार ने सनसनीखेज दावा किया है।
अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स ने ऐसा दावा किया है कि ट्रंप इस दवा पर इसलिए दांव खेल रहे हैं क्योंकि इसमें उनका निजी फायदा है। अखबार ने अपनी वेबसाइट पर लिखा कि अगर हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन को पूरी दुनिया अपना लेती है तो दवा कंपनियों को इसका बड़ा फायदा मिलेगा जिनमें से एक कंपनी सैनोफी में ट्रंप का भी हिस्सा है। बता दें कि सनोफी वही दवा कंपनी है जो कि हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन के ब्रांड-नाम के रूप में प्लाक्वेनिल का उत्पादन करती है। लेकिन कंपनी के पास अमरीका में बेचने का अधिकार नहीं है। पर अगर दुनिया भर में इस दवा को कोरोना वायरस के इलाज के रूप में अपनाया जाता है, तो जरूर इससे सनोफी को जबर्दस्त फायदा होगा।