गोंडा देशभर में हुए लॉक डाउन के बाद परदेस कमाने गए लोगों का रोजगार छिन जाने के कारण अब वह अपने वतन पहुंचने के लिए बेताब हैं। हालत यह है कि गृहस्ती का सामान स्तर पर लादकर 10 दिनों में मेरठ से 700 किलोमीटर की पैदल यात्रा कर गोंडा पहुंचे चार युवकों को बिहार प्रांत के मोतिहारी जाना था। पुलिस ने मुख्यालय के लाल बहादुर शास्त्री डिग्री कॉलेज चौराहे पर रोककर उनके बारे में जानकारी लेने के बाद उन्हें मेडिकल जांच के बाद क्वॉरेंटाइन सेंटर 15 दिनों के लिए भेज दिया गया। मूलत बिहार प्रांत के मोतिहारी जनपद के रहने वाले चार युवक होली पर्व के बाद अपने घर से मेरठ में मेहनत मजदूरी करने गए थे। युवकों के मुताबिक वह लोग काफी दिनों से मेरठ में रहकर मकान निर्माण का कार्य करते हैं। दीपक व दीनदयाल ने बताया कि काम बंद हो गया था जहां पर हम लोग रह रहे थे मकान मालिक किराया मांग रहा था। हम लोगों के पास खाने के पैसे नहीं थे किराया कहां से दें तो मकान मालिक ने घर से निकल जाने की बात कही जब कोई विकल्प नहीं बचा तो हम लोग अपने वतन के लिए पैदल निकल पड़े। कोरोना वायरस संकट के संकट को लेकर लॉक डाउन होने के कारण उनका रोजी रोजगार छिन गया। जब उनके पास खाने पीने की समस्या होने लगी तो उन लोगों ने पैदल चलकर घर पहुंचने का निर्णय किया 30 मार्च की सुबह मेरठ से चल पड़े। 10 दिनों के कठिन मेहनत के बाद शुक्रवार की देर रात्रि यह सभी युवक गोंडा पहुंचे। यहां लाल बहादुर शास्त्री डिग्री कॉलेज चौराहे पर पुलिस ने इन्हें रोक कर पूछताछ की फिर अस्पताल ले जाकर थर्मल टेस्ट कराने के बाद इन्हें क्वॉरेंटाइन सेंटर भेजा गया है।