निर्भया केस (Nirbhaya Case) में बुधवार को सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार के वकील ने कोर्ट में कहा कि यह संभव नहीं है कि 22 तारीख को दोषियों को फांसी दे दी जाए. इससे पहले दोषियों के वकीलों ने भी दया याचिका खारिज होने के बाद फांसी के लिए 14 दिन का समय दिए जाने की मांग की. जस्टिस मनमोहन ने सवाल किया- सुप्रीम कोर्ट 2017 में फैसला सुना चुका है. 2018 में पुनर्विचार अर्जी खारिज हो चुकी है. फिर क्यूरेटिव और दया याचिका दाखिल क्यों नहीं गई? क्या दोषी डेथ वारंट जारी होने का इतंजार कर रहे थे?