उत्तर प्रदेश के जनपद शाहजहाँपुर में प्रवासी मजदूरों का बुरा हाल है। यहाँ महीनों से लॉक डाउन में फंसे मजदूरों को खाने और पीनें के लिए आसमान की और निहारना पड़ रहा है। इन प्रवासी मजदूरों को एक वक्त की रोटी तो दूर वह एक 2 रोटी के लिए लाले पड़ हुए हैं। मामला थाना रोजा क्षेत्र के बरतारा के समीप जीटी रोड हाईवे का है, जहां एक गोदाम का निर्माण हो रहा था। जिसमें जिला छतरपुर मध्य प्रदेश शाहगढ़ के लगभग 70 मजदूर कई माह से निर्माण कार्य कर रहे थे। इनमें छोटे-छोटे बच्चे महिलाएं और पुरुष शामिल हैं। जो 1 माह के लंबे लॉक डाउन में फंसने के कारण एक वक्त की रोटी के लिए तरस गए हैं, जब मीडिया द्वारा इन मजदूरों से इस संबंध में जानना चाहा तो उन्होंने बताया की उन्हें तीन दिन से भोजन नहीं मिला है, क्योंकि उनके पास न तो पैसा है। और न ही राशन है, जिस कारण इन प्रवासी मजदूरों ने तीन दिनों से भोजन नहीं किया है। वहीं ठेकेदार उन्हें छोड़कर रामपुर भाग गया है। तो वहीं गोदाम मालिक भी इन लोगों को भोजन देने के लिए तैयार नहीं है। जब उनकी बेबसी पर उनसे जब पूंछा गया कि क्या यह बात आप लोगों ने किसी अधिकारी को बताई तो उन्होंने कहा कि हम लोग दो बार जिलाधकारी के यहाँ जा चुके हैं। पर वहां कोई भी अधिकारी मिलनें को तैयार नहीं है। जबकि प्रशासन और सरकार सभी प्रवासियों को घर घर पहुंचाने की बात कर रही है। वहीं सरकार द्वारा प्रवासी मजदूरों के लिए पके पकाए भोजन की भी व्यवस्था गई है।