एक नई स्टडी में खुलासा हुआ है कि खून पतला करने वाली दवाएं जीवनरक्षक बन रही हैं। कोरोना के गंभीर मरीजों के शरीर में खून का थक्के (Blood Clotting) बन रहे हैं। ये जानलेवा साबित हो रहा है। इसलिए खून पतला करने की दवाओं से आधे मरीजों की जान बचाई जा रही है। इसके अलावा ये रंग भी बदल रहा है ....दो साल तक रहेगा कोरोना काल .....