देश की सड़कों पर पैदल सफर तय कर रहे प्रवासी मजदूरों का दर्द कम होने का नाम नहीं ले रहा। अब खबर उत्तरप्रदेश के मुजफ्फरनगर से है। यहां एक सड़क हादसे में 6 मजदूरों की मौत हो गई है। वहीं कई लोग घायल हो गए हैं। घायलों को मेरठ के मेडिकल अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। ये सभी मजदूर पैदल हरियाणा के यमुनानगर से बिहार अपने गांवों की ओर लौट रहे थे। इस दौरान बुधवार रात 12 बजे के आसपास मुजफ्फरनगर- सहारनपुर हाइवे पर यह दर्दनाक सड़क हादसा हुआ। इसमें पैदल सड़क पर चल रहे मजदूरों को एक तेज रफ्तार बस ने रौंद दिया। हादसे के बाद चालक फरार हो गया। ये सभी मजदूर बिहार के गोपालगंज, आरा और पटना के रहने वाले बताये जा रहे हैं।
मजदूरों का समूह पैदल सहारनपुर से होते हुए मुजफ्फरनगर की ओर जा रही थे। इसी दौरान कोई रोडवेज बस उन्हें कुचलते हुए निकल गई।
इस दर्दनाक मौत से पहले भी मजदूरों पर किसी ने रहम नहीं किया। मृतकों के साथियों का कहना है कि पैदल चलते—चलते जब रात हुई तो आराम के लिए ये लोग सहारनपुर में एक आश्रम में रूक गए। आश्रम के लोगों को जैसे ही पता चला कि ये सभी बिहारी मजदूर हैं, तो उन सभी को वहां से भगा दिया गया। आश्रम के बाहर भी उन्हें सोने की अनुमति नहीं दी गई। लोगों ने उन्हें वहां से भगा दिया, इस कारण से वे रात को भी अपनी यात्रा को रोक नहीं पाए। जहां रूके, वहीं से भगाए गए। रात की इस पैदल यात्रा के दौरान ही हादसा हुआ और 6 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई।
इस हादसे पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अफसास जताया है। साथ ही मृतक के परिजनों को 2-2 लाख रुपए और प्रत्येक घायल को 50-50 हज़ार रुपए का मुआवजा देने की घोषणा की है। सवाल यह भी उठ रहा है कि यह मुआवजा राशि यदि इन्हीं मजदूरों को घर पहुंचाने में लगाई होती तो मजदूरों को हादसे का शिकार नहीं होना पड़ता। मीलों चल रहे मजदूरों की जान जोखिम में ना होती। यह हाल तो तब है, जब केंद्र और राज्य सरकारें श्रमिक स्पेशल ट्रेनों और बसें चलाने का दावा कर रही है। लाखों मजदूर इसके बाद भी पैदल यात्रा पर हैं। पिछले दिनों इन पैदल मजदूरों की कई हादसों में मौत हो चुकी है। इससे पहले बुधवार रात को ही मध्यप्रदेश के गुना में हुए सड़क हादसे में आठ मजदूरों की मौत हो गई। हादसे में 50 से ज्यादा घायल बताए जा रहे हैं। इन पैदल चल रहे मजदूरों को रास्ते में एक ट्रक चालक ने बैठा लिया। रात को सामने से आ रही एक खाली बस ट्रक से टकराई। हादसा इतना गंभीर था कि आठ लोगों की मौके पर ही मौत हो गई।
वहीं 8 मई को सुबह औरंगाबाद में पटरी पर सो रहे 16 मजदूरों की मालगाड़ी की चपेट में आने से मौत हो गई थी। वहीं पैदल चल रहे लोगों की भूख व अन्य कारणों से अब तक 50 से ज्यादा मजदूरों की मौत हो चुकी है। इसी दौरान पीएम मोदी ने 20 लाख करोड़ रुपए के राहत पैकेज की घोषणा की है। लेकिन मजदूरों को कोई राहत नजर नहीं आ रही। यहां तक कि इन्हें इनके घर पहुंचाने के लिए भी सरकार प्रतिबद्ध नजर नहीं आ रही। जबकि हर दिन इनकी मौत की खबर है।