शनि जयंती शनि महाराज के जन्मोत्सव के रूप में मनाई जाती है। इस दिन शनि की प्रिय वस्तुओं का सेवन करने से लाभ होता है। शनि जयंती 22 मई को यानी शुक्रवार को है और इस दिन अमावस्या होने की वजह से हर साल वट सावित्री व्रत भी सुहागिन महिलाएं रखती हैं और बरगद के पेड़ की पूजा करती हैं। शनिदेव का वर्ण श्याम होने के कारण उन्हें काली वस्तुएं खासी प्रिय हैं। इन्हीं में से एक है काले चने। शनि जयंती पर काले चने खाने का विशेष महत्व होता है और काले चने का प्रयोग वट सावित्री व्रत में भी विशेष रूप ये किया जाता है। शनि जयंती जरूर करें काले चने का ये उपाय साढ़ेसाती हो या ढैय्या सभी तरह के प्रकोप खत्म हो जाएंगे ।
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