कोविड-19 यानी कोरोना वायरस से बचाव के लिए जहां केंद्र सहित राज्य सरकारें नियमित नियम संयम व जरूरी सावधानियां बरत रही हैं वहीं जागरूक लोग अपने घर पर रहकर लाॅकडाउन का पालन करते हुए समाज को इस महामारी से बचाव के रचनात्मक तरीकों से परिचित करा रहे हैं। ऐसा ही एक अनूठा उदाहरण आया है उत्तर प्रदेश के इटावा जनपद से। यहां कक्षा तीन में पढ़ने वाली महज सात साल की एक बेटी ने एक नई वर्णमाला रची है जिसमें वर्णमाला के हर अक्षर से एक-एक संदेश कोरोना से बचाव के लिए लिखा गया है। शहर में स्थित नुमाइश पंडाल के पीछे धर्म नगर में रहने वाली और संत विवेकानंद सीनियर सेकेंड्री पब्ल्कि स्कूल की छात्रा अमृषा सक्सेना की रचनात्मकता ने कोरोना से जंग में एक नया आयाम जोड़ दिया है। अमृषा ने अ से अपना खयाल रखें से लेकर ज्ञ से ज्ञानी बने और अज्ञानता से बचें जैसे संदेशों से लोगों को कोरोना वायरस से बचाव के बहुत सुंदर संदेश दिए हैं। न सिर्फ बड़ों को बल्कि उससे कहीं अधिक बच्चों को कोरोना वायरस से बचाव के तरीके इस प्रकार से समझाना बहुत रास आया है। अमृषा ने बताया कि उसने अपने पत्रकार पिता से प्रेरणा पाकर इस कोरोना वर्णमाला की रचना की है। यहां बता दें कि इससे लगभग एक सप्ताह पहले अमृषा ने कोविड-19 जागरूकता को लेकर एक कविता भी रची थी जिसको भी सोशल मीडिया पर काफी सराहना मिली थी। लाॅकडाउन को लेकर जारी सुरक्षा निर्देशों को लेकर जहां कई लापरवाहियों की खबरें आ रही हैं उसको देखकर यह कहना उचित होगा कि बच्चे कहीं अधिक जिम्मेदारी से इस महामारी को लेकर जारी जंग में कहीं अधिक सक्रियता दिखा रहे हैं।