टिड्डियों व नियंत्रित करने के लिये अपनाएं ये तरीके- जिला कृषि अधिकारी

Bulletin 2020-05-30

Views 5

गोंडा जिला कृषि अधिकारी ने किसानों को सुझाव देते हुए बताया कि टिड्डी दल को भगाने के लिये थालियां, ढोल, नगाडे़ अन्य माध्यमों से ध्वनि करना चाहियंे जिसकी आवाज सुनकर खेत से टिड्डियां भाग जायें। इसके अलावा रासायनिक कीटनाशक मैलाथियाॅन 5 प्रतिशत धूल की 25 किग्रा0 मात्रा का बुरकाव या क्विनालफाॅस 25 प्रति0 ई0सी की 1.5 ली0 मात्रा को 500 से 600 ली0 पानी मे घोलकर प्रति हक्टेयर की दर से फसल पर छिड़काव करें। टिड्डी दल सुबह 10 बजे के बाद अपना डेरा बदलता है। इस लिये इसे आगे बढ़ने से रोकने के लिय लैम्डा सायहेलोथ्रिन 5 प्रति0 ई0सी0 की 01 ली0 मात्रा या क्लोरोपाइरीफाॅस 20 प्रति0 ई0सी0 की 1 ली0 मात्रा को 500 से 600 ली0 पानी में घोलकर प्रति हेक्टेयर की दर से फसल पर सुबह 10 बजे से पूर्व छिड़काव करें। उन्होने यह भी बताया कि टिड्डियों को भगाने में नीम का तेल भी बहुत किफायती तथा कारगर है। इसके लिए नीम के तेल की 40 एम0एल0 मात्रा को 10 ग्राम कपडे़ धोने के पाउडर के साथ मिलाकर प्रति टंकी पानी में डालकर छिड़काव करने से टिड्डी फसलों को नही खा पाती है। उन्होने यह भी बताया कि फसल की कटाई के बाद मई-जून में खेत की गहरी जुताई करने से सूर्य की तेज किरणों से भूमि में पड़े टिड्डीयों एवं अन्य कीटों के अण्डे व प्यूपा को नष्ट किया जा सकता हैं। बलुई मिट्टी टिड्डी के प्रजनन एवं अण्डे देने हेतु सर्वाधिक अनुकूल होता है। अतः टिड्डी दल के आक्रमण से सम्भावित ऐसी मिट्टी वाले क्षेत्रों मे जुताई करवा दें एवं जल भराव कर दें। ऐसी दशा मे टिड्डी के विकास की सम्भावना कम हो जाती है। किसान कृषि विभाग के कन्ट्रोल रूम के नम्बर 05262-233516 एवं मो0 नं0 99368980 |

Share This Video


Download

  
Report form
RELATED VIDEOS