देश में चाइनीज उत्पादों के बहिष्कार का निर्णय से भयभीत कोरोना क्या विनती कर रहा है ?, देखिए कार्टूनिस्ट लोकेन्द्र की नजर से

Patrika 2020-06-17

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चीन के रवैया को लेकर भारत के लोगों में गुस्सा भरा हुआ था, लेकिन अब चीन की हरकतों ने लोगों का गुस्सा और
भड़का दिया है। पहले से ही चीनी सामान के बहिष्कार की मांग अब तेज हो गई है। बता दें कि भारत और चीन के बीच हर साल करीब 6 लाख करोड़ का द्विपक्षीय व्यापार होता है।
भारत चीन से हर साल करीब 4.9 लाख करोड़ रुपये का आयात करता है, जबकि चीन को 1.2 लाख करोड़ का निर्यात किया जाता है। इस तरह चीन के साथ भारत
का ट्रेड बैलेंस बिगड़ा हुआ है, लेकिन चीन के लिए भारत का बाजार भी बहुत जरूरी है।
इस बीच में एक बार फिर ये मांग उठ खड़ी हुई कि सबसे पहले चीन के मोबाइल एप्लीकेशन्स को मोबाइल से डिलीट किया जाए। इसके अलावा चीन की मोबाइल कंपनियों श्योमी और वीवो के खिलाफ अभियान जोर पकड़ने लगा है।
उधर इस मामले पर ट्रेडर्स और दुकानदारों का संगठन कैट भी तेजी से सक्रिय हुआ है।
लद्दाख सीमा पर भारत-चीन विवाद के बीच कारोबारी संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ने देश में चाइनीज उत्पादों के बहिष्कार का निर्णय लिया है।
कैट ने इसके लिए 500 से भी ज्यादा चाइनीज उत्पादों की लिस्ट जारी की है। लद्दाख में चीनी सैनिकों द्वारा भारतीय सैनिकों पर किए गए हमले की देशभर के
व्यापारियों ने कड़ी आलोचना करते हुए कहा की चीन को जब भी अवसर मिलता है भारत की संप्रुभता को चुनौती देता है। चीन का यह रवैया देश के हितों के विरुद्ध
है। इस बात को देशवासियों के ध्यान में लाते हुए कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स द्वारा चीनी सामान के बहिष्कार और भारतीय सामान के उपयोग को बढ़ावा
देने का निर्णय लिया है।

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