Coronavirus-hit MSMEs have urged the government to avoid knee-jerk policy measures in response to China's military aggression on the border as they can have devastating impact on businesses. The MSMEs say a hike in import duty or placing of non-tariff barrier on items can make input cost expensive by 10-40%. Watch video,
भारत की अर्थव्यवस्था में चल रही मंदी से MSME यानी सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम सेक्टर के सामने पहले से ही कई चुनौतियां थीं. इसके बाद कोरोना वायरस और लॉकडाउन ने इस सेक्टर की मुसीबतें और बढ़ा दीं. सरकार ने पिछले महीने 20 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज में MSME सेक्टर के लिए 3 लाख करोड़ रु. की फंडिंग का ऐलान किया था. मगर अब MSME सेक्टर के लिए एक नई मुसीबत आ गई है. जानिए क्या है वजह?
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