Goddess Durga is considered a symbol of power. Navratri festival is celebrated twice a year to worship them. In which nine different forms of Mother Goddess are worshiped. This Navaratri is known as Chaitra Navaratri and Shardiya Navaratri. But twice a year Navaratri also comes when the ten mahavidyas of Maa Durga are worshiped. These are called Gupta Navratri. Ashadh Gupta Navratri will start from 22 June next day of solar eclipse (Surya Grahan) and will end on 30 June.in the month of Magh and Ashada, is considered special for the tantrikas who believe in tantra learning. For nine days of Gupta Navaratri, the seeker performs hard devotion and penance of Mother Durga. It is believed that by giving this devotion and service, the mother is pleased and gives incredible power to the seekers. Also, all his wishes prove.
देवी दुर्गा को शक्ति का प्रतीक माना जाता है। इनकी अराधना के लिए साल में दो बार बड़े स्तर पर नवरात्रि पर्व मनाया जाता है। जिसमें देवी मां के अलम-अलग नौ रूपों की उपासना की जाती है। इस नवरात्र को चैत्र नवरात्रि और शारदीय नवरात्रि के नाम से जाना जाता है। लेकिन साल में दो बार नवरात्र ऐसे भी आते हैं जब मां दुर्गा की दस महाविद्याओं की पूजा की जाती है। इन्हें गुप्त नवरात्र कहा जाता है। सूर्य ग्रहण (Surya Grahan) के अगले दिन 22 जून से आषाढ़ गुप्त नवरात्र शुरू होंगे और इसका समापन 30 जून को होगा। माघ और आषाढ़ मास में आने वाले गुप्त नवरात्र तंत्र विद्या में विश्वास रखने वाले तांत्रिकों के लिये खास माने जाते हैं। गुप्त नवरात्रि के नौ दिनों तक साधक मां दुर्गा की कठिन भक्ति और तपस्या करते हैं। मान्यता है कि इस भक्ति और सेवा से मां प्रसन्न होकर साधकों को अतुल्य शक्ति देती हैं। साथ ही उनके सभी मनोरथ सिद्ध करती हैं।
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