परम्परा पर छाए संकट के बादल, सावधानी से परम्परा निभाने की उठी मांग

Bulletin 2020-07-31

Views 63

इंदौर में लगभग पिछले 100 सालों से परंपरा का हिस्सा बन चुकी अनंत चतुर्दशी की झांकियों पर इस साल कोरोना महामारी के संकट के बादल छा गए हैं। जिसके कारण इस बार अनंत चतुर्दशी के मौके पर निकलने वाले चल समारोह को अभी तक जिला प्रशासन द्वारा कोई भी निर्णय नहीं लिया गया है, वही इस परंपरा के पक्ष में गणेश उत्सव समिति का कहना है कि जब जगन्नाथपुरी और उज्जैन में धार्मिक सवारिया निकल सकती हैं। तो इंदौर में भी नियमों के साथ चल समारोह की परंपरा का भी निर्वाह किया जाना चाहिए। दरअसल कोरोना संक्रमण काल के मद्देनजर इंदौर में जिला प्रशासन द्वारा सभी धार्मिक यात्राएं और चल समारोह पर फिलहाल प्रतिबंध लगाया गया है। ऐसे में हर वर्ष गणेश पर्व के दौरान अनंत चतुर्दशी की मौके पर विभिन्न मिलो की निकलने वाली झांकियों और अखाड़ों पर संशय बरकरार है, जिला प्रशासन द्वारा फिलहाल चल समारोह के संदर्भ में कोई भी अनुमति प्रदान नहीं की गई है। जिसके कारण विभिन्न शासकीय विभागों से इन गणेश उत्सव समितियों को मिलने वाले अनुदान राशि भी नहीं मिली पाई है। गौरतलब है कि इंदौर में 6 मिलों और विभिन्न अखाड़ों के द्वारा अनंत चतुर्दशी के मौके पर चल समारोह निकाला जाता है, वही इस चल समारोह में प्रत्येक मिल को झांकियों के निर्माण में लगभग आठ लाख की राशि का खर्च आता है, जिसमें सहायता के तौर पर नगर निगम प्रत्येक मिल को 2 लाख रुपए और इंदौर विकास प्राधिकरण द्वारा प्रत्येक मिल को 1 लाख रुपये का अनुदान देता है।

Share This Video


Download

  
Report form
RELATED VIDEOS