In the 21st century, the term “Empowerment of Women‟ has become a well known subject on many occasions. The vast majority of the politicians – so called well wishers of the public never left opportunity to talk about their concern and responsibility ingiving priority to the empowerment of women. Since old times, women have been viewed assubstandard and subordinate to man. Women’s empowerment in India is heavilydependent on many different variables that include geographical location, educations, social status and age.
भारत की सभ्यता-संस्कृति हो या धर्म-अध्यात्म हर जगह महिलाओं को श्रेष्ठ स्थान दिया गया है. भारत में महिलाओं को दुर्गा, काली, लक्ष्मी, सरस्वती जैसे देवी के रूप में पूजा जाता है. घर में भी महिलाओं को लक्ष्मी के रूप में देखा जाता रहा है. लेकिन ऐसा क्या हुआ कि जिस देश में महिला को इतना सर्वोच्च स्थान दिया गया उसी देश में महिलाओं की स्थिति इतनी दयनीय हो गई कि उसे गर्भ में ही मारने का प्रचलन शुरू हो गया.बेटियां परिवार और समाज के लिए बोझ बनती चली गई. दरअसल हम जिस महिला श्रेष्ठता की बात कर रहे थे वो प्राचीन भारत की हिस्सा था. लेकिन भारत में महिलाओं के लिए बुरे हालात मध्यकाल में शुरू हुए. मुगल शासन, सामन्ती व्यवस्था, इस्लामी आक्रमण और शासकों की विलासितापूर्ण प्रवृत्ति ने महिलाओं को उपभोग की वस्तु बना दिया. जिसकी वजह से बाल विवाह, पर्दा प्रथा, अशिक्षा जैसी कुरीतियों का समाज में प्रवेश हुआ. इसकी वजह से महिलाओं की स्थिति हीन होती चली गई.
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