प्रदेश में परिवहन को सुचारू करने के लिए शासन की ओर से बसों के संचालन को लेकर आदेश जारी हो गए हैं, लेकिन आदेश जारी होने के दूसरे दिन बाद भी इंदौर से बसों का संचालन नहीं हुआ। बस ऑपरेटर अब भी बीते 5 महीने का टैक्स माफ करने और कोरोना संक्रमण काल के दौरान बसों के संचालन पर शासन की नीति साफ करने की मांग पर अड़े हुए है। दरअसल पहले प्रदेश में 50 प्रतिशत क्षमता के साथ बसों का संचालन करने का आदेश जारी किया गया था लेकिन अब प्रदेश सरकार के गृह विभाग ने पूरी क्षमता के साथ प्रदेश में बसों के संचालन को अनुमति दे दी है। बावजूद इसके बस संचालक लॉक डाउन की अवधि के दौरान बसों का टैक्स माफ करने की मांग पर अड़े हुए हैं। प्राइम रूट बस एसोसिएशन के सचिव सुशील अरोड़ा का कहना है कि टैक्स माफी को लेकर सरकार को अपनी नीति साफ करना चाहिए, उसके बाद ही बसों का संचालन संभव हो पाएगा। अरोड़ा ने बताया कि डीजल के दामों में हुई बढ़ोतरी की वजह से भी संचालकों को नुकसान ही होगा। इंदौर से संचालित होने वाली लगभग 15 हजार से ज्यादा बसे फिलहाल खड़ी होने से हजारों परिवारों के सामने रोजी रोटी का संकट बना हुआ है।