सुरक्षा आपकी, संकल्प हमारा" के मोटो और स्लोगन पर काम करने वाली पुलिस को अब भारतीय सेना में तैनात जवानों से शांति भंग का खतरा मंडराने लगा है। वह भी ऐसे जवान जो सरहद पर देश की शांति व्यवस्था और सुरक्षा की जिम्मेदारी का निर्वहन कर रहे हैं। पिछले 8 महीनों से अपने घर तक भी नहीं आए हैं। ऐसे जवानों से अमेठी पुलिस को शांतिभंग का खतरा होने लगा है और पुलिस उन जवानों का बगैर उपस्थिति में 107/16 में शांति भंग की कार्यवाही करते हुए सक्षम न्यायालय भेज दिया है। जैसे ही बात का पता इन जवानों के परिजन को लगा वह हैरान और परेशान हो गए सरहद पर बैठे जवानों ने कहा कि हम यहां ड्यूटी करें देश की सुरक्षा करें कि घर आकर अपनी जमानत कराएं। ऊपर से कोरोना का हाल चल रहा है कहीं आने जाने की छूट नहीं है यदि वह घर आ जाए तो यहां पर उसको क्वॉरेंटाइन किया जाएगा। यहां से ड्यूटी पर जाने के बाद पोस्टिक वाले स्थान पर क्वॉरेंटाइन किया जाएगा। ऐसे में देश का भी नुकसान और जवान का भी नुकसान दोनों का नुकसान ही नुकसान है। ऐसे में बड़ा सवाल अमेठी पुलिस के लिए है कि क्या अमेठी पुलिस आंख मूंद कर कार्यवाही करती है। आखिर इस तरह का कार्य कैसे कर सकती है।