मध्य प्रदेश सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए संविदा पर काम कर रहे स्वास्थ्य कर्मचारी अब विरोध पर उतर आए है। संविदा को अभिशाप बताते हुए कर्मचारियों ने राज्यपाल और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से इच्छामृत्यु की अनुमति देने की अपील की है। संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों ने अपने खून से पत्र लिखकर इच्छामृत्यु की मांग की है। कर्मचारियों का आरोप है कि सरकारी कर्मचारियों को पूरी थाली सजाकर दी जा रही है और उन्हें थाली में आधी रोटी दी जा रही है, इसलिए उन्हें प्रदर्शन का सहारा लेना पड़ रहा है, ताकि सरकार मामले पर ध्यान दे। दरअसल संविदा चिकित्सक, नर्स, फार्मासिस्ट, लैब टेक्नीशियन, एनएम, ऑपरेटर आयुष, परियोजना के समस्त कर्मचारियों ने अपने खून से पत्र लिखा है, जिसमें राज्यपाल और मुख्यमंत्री से इच्छा मृत्यु की मांग की गई है। कर्मचारियों का कहना है कि नियमितीकरण न किए जाने एवं 5 जून 2018 सामान्य प्रशासन की संविदा नीति, नियमित समकक्ष पद 90 प्रतिशत वेतनमान राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में 2 साल बीत जाने के बाद भी लागू न होने से संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों में सरकार के प्रति आक्रोश है।