शाहजहांपुर: अपने जीते जी पिता अपने बच्चों का पालन पोषण करने को विवश, मां ने उठाई जिम्मेदारियां

Bulletin 2020-09-02

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शाहजहांपुर शादी शब्द के साथ जुडी है जीवन भर एक-दूसरे का साथ निभाने की सुंदर भावना। इस रिश्ते में बंधते वक्त युवा जोडों की आंखों में कई इंद्रधनुषी सपने बसे होते हैं, पर कई बार समय के साथ सपनों के ये रंग धुंधलाने लगते हैं। लोगों को इस बात का अंदाजा भी नहीं होता कि वह किस वक्त अपने साथी के साथ नहीं चल पाएंगे। कई बार हालात इतने बिगड जाते हैं कि एक ही छत के नीचे साथ रहने वाले दो इंसान एक-दूसरे के लिए मददगार साबित होते हैं एक ऐसा ही मामला जनपद शाहजहांपुर के कलान तहसील क्षेत्र ग्राम पंचायत राशानगरिया के मजरा सगेड़ी का है 8 साल पति पति ने खुशी-खुशी अपना जीवन दिया और बच्चों की पूरी देखभाल की लेकिन 8 साल बीत जाने के बाद पति अचानक अपाहिज और गूंगा हो जाता है, और उसके छोटे-छोटे तीन मासूम बच्चे हैं जो कि खाने को मोहताज हो हैं, मजदूरी कर अपने बच्चों का पति की देखभाल करती है और अपना जीवन दुखों के अंबार से गुज़ार रही है, पिता चलने व कमाने के लिए मोहताज बनकर घर में बैठा है।

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