सितंबर माह में मौसम ने तोड़ा पिछले 9 साल का रिकार्ड

Patrika 2020-09-20

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सितंबर माह में मौसम ने तोड़ा पिछले 9 साल का रिकार्ड
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मेरठ। 2020 के सितंबर महीने में अब उमस ने भी पिछले 9 साल का रिकार्ड तोड़ दिया है। अभी तक सितंबर में उमस का स्तर 60 प्रतिशत से कम नहीं हुआ है। इतनी उमस तो मेरठ में बरसात के मौसम में भी नहीं हुई जितनी की सितंबर के महीने में है। उमस के कारण ही लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जिले में मौसम के हालात यह है कि तेज धूप और उमस के कारण लोगों को जेठ वाली गर्मी का अहसास करना पड़ रहा है। मौसम विभाग की माने तो सितंबर 2011 में उमस का स्तर पिछले 9 सालों में सर्वाधिक यानी 50—55 प्रतिशत के बीच रहा है। उसके बाद से सितंबर में इतनी उमस कभी नहीं पड़ी जितनी कि वर्ष 2020 में पड़ रही है। भूगोलविद् डा0 कंचन सिंह ने बताया कि इस मेरठ में बारिश कम होने के कारण ही मौसम में ये परिवर्तन देखने को मिल रहा है। वायुदाब जो कि बारिश का सबसे बड़ा कारक होता है। इस बार वैसा नहीं बन पाया जैसा कि प्रतिवर्ष बनता है। उन्होंने बताया कि अगर वायुदाब बारिश के लिए एक बार अच्छे तरीके से बन जाए तो फिर वर्षा ऋतु में बारिश बेहतर होती है। इस बार मेरठ और पश्चिम उप्र के जिलों में बारिश के अनुरूप वायुदाब नहीं बन पाया। जिस कारण बारिश नहीं हुई और पानी वाले बादल बिना बारिश के ही उड़ गए। बारिश न होने के कारण ही वातावरण में नमी और उमस बनी हुई है। जो कि लोगों केा परेशान किए हुए हैं। उन्होंने कहा कि अब यह उमस तो सितंबर के बाद ही समाप्त होगी। बता दे कि इस समय तेज धूप और चिलचिलाने वाली गर्मी से सभी लोग परेशान है। इस परेशानी के चलते लोगों में तरह—तरह की बीमारियां हो रही हैं। गर्मी और उमस के कारण पशु—पक्षियो का भी बुरा हाल है। पक्षी पानी की तलाश में भटक रहे हैं। लोगों ने पक्षियों को गर्मियों से राहत देने के लिए अपने घर की छतों पर पानी के पात्र रखे हुए हैं। जिसमें नहाकर पक्षी अपनी गर्मी शांत कर रहे हैं और पीकर प्यास बुझा रहे हैं।

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