जयपुर। राजधानी में रेजीडेंट डॉक्टर्स की हड़ताल चौथे दिन मंगलवार को भी जारी रही। डॉक्टर्स ने सुबह 8 से 10 बजे तक कार्य का बहिष्कार कर अपनी मांगों के समर्थन में विरोध दर्ज किया। पिछले तीन दिनों से डॉक्टर कोरोना वॉरियर डॉक्टर्स को खास सुविधाएं देने की मांग को लेकर हड़ताल पर हैं। शनिवार 19 सितंबर को रेजीडेंट डॉक्टर्स ने काली पट्टी बांध काम किया और सरकार का विरोध किया। कोरोना पीड़ित डॉक्टर्स को पर्याप्त मेडिकल सुविधाएं नहीं देने के लिए यह विरोध प्रदर्शन शुरू किया गया। दो दिनों तक रेजीडेंट डॉक्टर ने काली पट्टी बांधकर काम किया। इसके बाद भी उनकी मांग पर सरकार ने कोई निर्णय नहीं लिया। इस कारण तीसरे दिन सोमवार से रेजीडेंट ने 2 घंटे कार्य बहिष्कार करना शुरू कर दिया है। हालांकि एक दिन पहले सोमवार को चिकित्सा शिक्षा सचिव से लेकर चिकित्सा मंत्री तक से रेजीडेंट के प्रतिनिधि मंडल की बैठक हुई, लेकिन बात नहीं बन सकी। सरकार उन्हें आश्वासन दे रही है और रेजीडेंट कोरोना पीड़ित डॉक्टर्स के लिए खास सुविधाओं के तुरंत निर्देश देने की मांग पर अड़े हैं।
यह हैं रेजीडेंट की मांगे
इस संबंध में रेजीडेंट ने सबसे पहले एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल को चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा के नाम ज्ञापन दिया। इसमें कोरोना पॉजिटिव रेजीडेंट के रहने की व्यवस्था के लिए कोटेज वार्ड देने व रेजीडेंट के लिए कुछ कोटेज वार्ड रिजर्व रखने की मांग की गई है। वहीं कोरोना पॉजिटिव रेजीडेंट डॉक्टर्स के लिए मेडिकल इंवेस्टिगेशन की सुविधा निशुल्क करने, उनके खाने—पीने की व्यवस्था करने, आईसीयू और वेंटिलेटर के पचास प्रतिशत बैड रिजर्व रखने की मांग की गई है।
वर्क लोड से भी डॉक्टर परेशान
जार्ड के अध्यक्ष डॉ. अशोक विश्नोई ने बताया कि कोरोना महामारी में लगातार काम कर रहे रेजिडेंट को आराम नहीं दिया जा रहा। इसीलिए कोरोना वॉरियर्स के रूप में काम कर रहे एनेस्थिसिया और मेडिसिन रेजीडेंट का वर्कलोड कम करने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की मांग भी की गई है। साथ ही जो भी स्वास्थ्यकर्मी कोरोना वार्ड में काम कर रहे हैं, उन सभी को कोविड ड्यूटी इंसेंटिव भी मिलना चाहिए।
बैठकों में नहीं बनी बात
सोमवार को चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा के साथ जार्ड के प्रतिनिधियों की बैठक हुई। इसमें रेजीडेंट की सभी मांगों को रखा गया। इस पर चिकित्सा मंत्री ने सकारात्मक रवैया दिखाया और मांगें पूरी करने का आश्वासन भी दिया। वहीं प्रतिनिधि मंडल चिकित्सा शिक्षा सचिव वैभव गालरिया के साथ भी बातचीत हुई, लेकिन मांगों पर तुरंत एक्शन ना लेने से रेजीडेंट ने हड़ताल जारी रखने का निर्णय लिया। जबकि चिकित्सा मंत्री ने तीन सदस्यों की कमेटी भी गठित की। एनएचएम के एमडी नरेश कुमार ठकराल, मेडिकल एजुकेशन के जॉइंट सेक्रेटरी सुनील शर्मा और डॉ. एजे मेहता की कमेटी ने कहा है कि यह सभी मांगे रेजीडेंट डॉक्टर्स का अधिकार है। ये सभी बुनियादी सुविधाएं उन्हें मिलनी चाहिए, लेकिन इस पर काम करने के लिए थोड़ा समय लगेगा। तत्कार प्रभाव से मांगों पर आदेश नहीं देने से रेजीडेंट डॉक्टर ने अपनी हड़ताल का जारी रखा है। वहीं सरकार की ओर से आदेश जारी होने तक रेजीडेंट की हड़ताल भी जारी रहेगी।