जयपुर। जयपुर के रेजीडेंट डॉक्टर्स का कार्य बहिष्कार अब समाप्त हो चुका है। आज सुबह से सभी ने अस्पतालों में अपनी संबंधित ड्यूटी की। बुधवार देर रात तक सरकार के साथ चली वार्ता के दौरान उनकी सभी मांगें मान ली गई हैं। वहीं सरकार ने इन मांगों से संबंधित आॅर्डर भी जारी कर दिए हैं। इसके बाद जार्ड की ओर से रेजीडेंट के कार्य बहिष्कार समाप्त किए जाने की घोषणा की गई। इससे पहले शनिवार से रेजीडेंट डॉक्टर हड़ताल पर थे। दो दिनों तक उन्होंने अपनी मांगों को लेकर काली पट्टी बांध काम किया और विरोध दर्ज करवाया। सोमवार से रेजीडेंट ने रोजाना सुबह दो घंटे 8 बजे से 10 बजे तक कार्य बहिष्कार किया। सोमवार से रेजीडेंट की सरकार से वार्ता चल रही है। चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा से भी बात हुई, लेकिन बात नहीं बनी और कार्य बहिष्कार जारी रहा। रेजीडेंट डॉक्टर्स, कोरोना पीड़ित डॉक्टर्स की सुविधाओं के लिए तुरंत निर्देश जारी करने की मांग पर अड़े थे। अब बुधवार रात उनकी यह मांग मानते हुए तुरंत आॅर्डर जारी किए गए।
यह मांगें मानी गई
रेजीडेंट डॉक्टर्स पिछले पांच दिनों से कोरोना पॉजिटिव रेजीडेंट के रहने की व्यवस्था के लिए कोटेज वार्ड देने व रेजीडेंट के लिए कुछ कोटेज वार्ड रिजर्व रखने की मांग कर रहे थे। वहीं कोरोना पॉजिटिव रेजीडेंट डॉक्टर्स के लिए मेडिकल इंवेस्टिगेशन की सुविधा निशुल्क करने, उनके खाने—पीने की व्यवस्था करने, आईसीयू और वेंटिलेटर के पचास प्रतिशत बैड रिजर्व रखने की मांग भी उन्होंने की। वहीं कोरोना महामारी में लगातार काम कर रहे रेजीडेंट को आराम देने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करने की मांग भी मान ली गई है। साथ ही सरकार ने कोरोना वार्ड में काम कर रहे स्वास्थ्यकर्मियों को कोविड ड्यूटी इंसेंटिव देने का आश्वासन दिया है।
तीन सदस्यीय कमेटी बनाई गई
सोमवार को चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा के साथ जार्ड के प्रतिनिधियों की बैठक हुई। इसके बाद तीन सदस्यीय कमेटी भी बनाई गई। एनएचएम के एमडी नरेश कुमार ठकराल, मेडिकल एजुकेशन के जॉइंट सेक्रेटरी सुनील शर्मा और डॉ. एजे मेहता की कमेटी ने कहा है कि यह सभी मांगे रेजीडेंट डॉक्टर्स का अधिकार है। ये सभी बुनियादी सुविधाएं उन्हें मिलनी चाहिए।