Navratri 2020: नवरात्रि का सातवां दिन कालरात्रि पूजा | मां कालरात्रि पूजा विधि | Boldsky

Boldsky 2020-10-22

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नवरात्रि का सातवां दिन मां कालरात्रि को समर्पित होता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, मां दुर्गा के कालरात्रि स्वरूप की पूजा करने से दुष्टों का अंत होता है। देवी मां के इस रूप को साहस और वीरता का प्रतीक मानते हैं। हिंदू मान्यताओं के अनुसार, मां दुर्गा ने दुष्टों का विनाश करने के लिए यह रूप लिया था।

एक पौराणिक कथा के अनुसार, एक बहुत बड़ा दानव रक्तबीज था। इस दानव ने जनमानस के साथ देवताओं को भी परेशान कर रखा था। रक्तबीज दानव की विशेषता यह थी कि जब उसके खून की बूंद (रक्त) धरती पर गिरती थी तो हूबहू उसके जैसा दानव बन जाता था। दानव की शिकायत लेकर सभी भगवान शिव के पास पहुंचे। भगवान शिव जानते थे कि इस दानव का अंत माता पार्वती कर सकती हैं।

भगवान शिव ने माता से अनुरोध किया। इसके बाद मां पार्वती ने स्वंय शक्ति संधान किया। इस तेज ने मां कालरात्रि को उत्पन्न किया। इसके बाद जब मां दुर्गा ने दैत्य रक्तबीज का अंत किया और उसके शरीर से निकलने वाली रक्त को मां कालरात्रि ने जमीन पर गिरने से पहले ही अपने मुख में भर लिया। इस तरह से देवी मां ने सबका गला काटते हुए दानव रक्तबीज का अंत किया। रक्तबीज का वध करने वाला माता पार्वती का यह रूप कालरात्रि कहलाया।

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