उत्तर प्रदेश के अमेठी में गौरीगंज जिला मुख्यालय पर स्थित डीएम आफिस पर लखनऊ विधान भवन के सामने आत्मदाह की कोशिश करने वाली गुड़िया एक बार फिर न्याय की गुहार लगाने के लिए अपने भाई के साथ धरने पर बैठ गई है़। बता दें कि 17 जुलाई को गुड़िया ने मां सोफिया के साथ विधान भवन के सामने आत्मदाह का प्रयास किया था, और गत 22 जुलाई को सोफिया की लखनऊ में इलाज के दौरान मौत हो गई थी।
मंगलवार को धरने पर बैठी गुड़िया ने बताया कि 22 जुलाई से आजतक हमारे ऊपर फोर्स लगा दिया गया है़। हमें बोलने नही दिया जा रहा है़। नाली का मैटर बताकर फाइल को दबा दिया गया है़ इसमें कुछ नेताओं का हाथ है़। नेता लोग लगातार हमे मारने का प्रयास कर रहे हैं, कह रहे हैं जिंदा जला देंगे मार देंगे। हम लोग अधिकारियों के चक्कर लगा रहे हैं तो फोर्स लगा दिया जा रहा है़। पुलिस वाले कहते हैं मीडिया के सामने जाओगी तो जेल भेज दिया जाएगा। हमें न्याय चाहिए।
आपको बता दें कि जामो थाना क्षेत्र के कस्बे में घटना की शुरुआत 9 मई से हुई जब पड़ोसी अर्जुन और सोफिया के मध्य नाली का विवाद हुआ था। 11 मई को दोनो पक्षों ने सीओ आफिस में सुलह के लिए एफिडेविट दिया जो 18 मई को थाने पर आया। तत्कालीन एसओ ने सामने आकर सुलह की बात कही तो गुड़िया पुलिस के सामने आने से कतराती रही। इस बीच 13 मई को पुलिस ने दोनो पक्ष ने 107/16 की कार्यवाही किया, 16 मई को दोनो पक्ष को नोटिस जारी हुई जो तामीला भी हुई और इसमे 21 जुलाई की तारीख लगी थी। इस बीच गुड़िया आईजी रेंज अयोध्या मण्डल के यहां अपनी फरियाद लेकर गई जहां एक से एक पत्रकार ने एसओ को गुड़िया के आने की खबर की। एसओ ने पत्रकार के मोबाइल से गुड़िया से मिलकर अपना पक्ष रखने और कोर्ट में बयान देने को कहा लेकिन वो नही आई। सूत्र बताते हैं कि 6 जुलाई को पुलिस ने मेडिकल के आधार पर गुड़िया पक्ष के विरुद्ध 308 की धारा को मुकदमे से हटा दिया था लेकिन इस सबसे बेखबर गुड़िया 15-16 जुलाई को अपने वकील के साथ सीओ आफिस के साथ पहुंची, जहां से विवेचक को बुलाकर कोर्ट में 164 के बयान के लिए भेजा गया। दीवानी न्यायालय सुल्तानपुर में कोर्ट नंबर 27 पर गुड़िया ने बयान दर्ज कराया। सूत्रो के अनुसार गुड़िया ने पुलिस के खिलाफ भी बयान दिया है। कोर्ट से गुड़िया को मां सूफीया और एक रिश्तेदार के सुपुर्द कर दिया गया। और 17 जुलाई को मां-बेटी ने लखनऊ में लोक भवन के सामने आत्मदाह का प्रयास किया।