मज़हब के नाम पर कब तक भड़काएंगे? हिंदू पर्व मनाने से इस्लाम कैसे खतरे में? इस पर राजनीतिक विश्लेषक निगहत अब्बास ने कहा, मैं आपको बताना चाहूंगी कि इस्लाम का जो लिखित इतिहास है, वो 1400 साल से ज्यादा पुराना नहीं है. ये कट्टरपंथी लोग अपनी सहूलियत के हिसाब से इस्लाम की गाइडलाइन तय करते हैं. हलाला के नाम पर निरंतर रेप होते रहते हैं और ये इस्लाम का हवाला देकर चुप रहते हैं. ये तब आवाज उठाते हैं जब नुसरत जहां एक पंडाल में सिंदूर लगा लेती हैं. ये तब आवाज उठाते हैं जब कोई मुसलमान बेटी अपने बाल खोलकर सामने आ जाती है. अरे शाकिब उल हसन ने क्या अपराध कर दिया है सिर्फ एक पूजा पंडाल में चले जाना इतना बड़ा अपराध है.#कट्टरपंथ_को_पूजा-पाठ_से_डर #DeshKiBahas