बैठकों में पर्यावरण संरक्षण व पौधरोपण का ढिंढोरा पीटने वाला विभाग और इनके संरक्षण का ढोंग करने वाले अधिकारी व कर्मचारीयों का असली मकसद तो अपनी जेबें भरना लगता है। जिसका लकड़ी माफिया पूरा लाभ ले भी रहे है। वन माफिया के हौसले इतने बुलंद है, कि दिनदहाड़े फलदार हरे आम के पेड़ों पर आरा चल रहा है। संबंधित विभागीय अधिकारी सब देखकर भी मौन बने रहते है। पुलिस, वन विभाग व लकड़ी ठेकेदारों की सांठ गांठ से हरे पेड़ों पर धड़ल्ले से आरा चलाया जा रहा है। आपको बताते चले पूरा मामला अतरौली के बिजौली गांव का है जहा एक बाग में लगे आम से हरे पेड़ो पर चलाया गया आराम लेकिन संबंधित विभाग को नहीं है कोई सूचना बिजौली गांव में लकड़ी माफियाओं द्वारा हरे पेड़ो को ऊपर चलाया जा रहा है आरा लेकिन संबंधित विभाग व पुलिस प्रशासन को इसकी कोई जानकारी नहीं है हरे भरे बाग तक उजाड़ने में वन माफिया कोई कोताही नहीं बरतते है हैरानी की बात तो ये है तो यह है कि ठेकेदारों ने बिना किसी डर के हरे आम के पेड़ दिन में ही काट दिए जिससे इस बात को अंदाजा लगाया जा सकता है को वन विभाग और पुलिस प्रशासन अपने काम के प्रति कितना समर्पित है।