गोंडा मौसम की बेरुखी व पशु पक्षियों के आतंक से परेशान किसानों को अब कुछ भी समझ में नहीं आ रहा है । एक तरफ बेमौसम बारिश व ओलावृष्टि होने से जहां दलहनी व तिलहनी फसलों के साथ-साथ गेहूं की फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है । वहीं इस बार आम की फसल अच्छी होने के कारण किसानों को फलों से कुछ उम्मीद बढ़ी थी । लेकिन अचानक आम के बाग में भारी संख्या मैं पहुंचे चमगादड़ों ने आम की फसलों को भारी नुकसान पहुंचा रहे हैं । आम के फलों से भी किसानों की उम्मीद क्षीण होने के कारण उनके चेहरे मुरझा गए हैं । मुख्यालय से सटे बडगांव क्षेत्र के गांव शेखापुर में बीते करीब 15 दिनों के भीतर एक आम के बाग में भारी संख्या में पहुंचे चमगादड़ ने जहां आम की फसल को पूरी तरह से नष्ट करने पर तुले हैं । वहीं इनकी बढ़ती संख्या को देखकर आसपास के ग्रामीण काफी भयभीत है । ग्रामीणों का कहना है यदि सचमुच कोरोनावायरस चमगादड़ से फैलते होंगे तो जिस आम के फल को स्पर्श भर कर देंगे तो आम खाने वाले लोग भी इस महामारी का शिकार हो सकते हैं । बाग में अक्सर गांव के छोटे-छोटे बच्चे आम की फलियों को बीनने के लिए जाते हैं । हम लोग अब उन्हें रोक रहे हैं कि इन कटे फलियों को मत खाना अन्यथा बीमारी के शिकार हो सकते । ग्रामीण इन्हें भगाने के लिए आम की सूखी पत्तियों को बटोर कर शाम के वक्त जलाते हैं । ताकि चमगादड़ धुँवा आदि के प्रकोप से छोड़कर चले जाएं । लेकिन किसानों के सारे प्रयास इन को भगाने के लिए फेल हो चुके हैं । चमगादड़ वहां से हिलने का नाम नहीं ले रहे हैं ।