कृषि कानूनों के खिलाफ किसान अब भी डटे हुए हैं. किसान आर-पार की लड़ाई के मूड में हैं. सरकार और किसानों के बीच पांचवें दौर की बातचीत में भी कोई समाधान नहीं निकल सका और अब 9 दिसंबर को अगले दौर की बातचीत होगी. सवाल उठता है कि किसानों और सरकार की बातचीत में कोई हल क्यों नहीं निकल रहा?