शोधकर्ताओं का कहना है कि दुनिया की करीब एक चौथाई आबादी को 2022 तक कोरोना का टीका संभवत: नहीं मिल पाएगा। अगर सभी टीका निर्माता कंपनियां अधिकतम निर्माण क्षमता तक पहुंचने में सफल भी हो जाएं, तो भी 2022 तक दुनिया के कम से कम पांचवें हिस्से तक वैक्सीन नहीं पहुंच पाएगी। अमेरिका में 'जॉन्स हॉप्किन्स ब्लूमबर्ग स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ' के शोधकर्ताओं ने कहा, 'यह अध्ययन बताता है कि अधिक आय वाले देशों ने किस प्रकार कोरोना वैक्सीन की आपूर्ति भविष्य के लिए सुनिश्चित कर ली है, लेकिन बाकी दुनिया में इनकी पहुंच अनिश्चित है। द बीएमजे' पत्रिका में प्रकाशित इस अध्ययन में यह बताने के साथ-साथ सचेत भी किया गया है कि वैक्सीन को वितरित करना, उसे विकसित करने जितना ही चुनौतीपूर्ण होगा।