The first Pradosha fast of the year will be observed on 10 January 2021. Pradosh Vrat is kept for Lord Shiva. According to Hindu calendar, Pradosh fast falls on Trayodashi date of every month. Pradosh Vrat is kept twice every month. It is believed that during the Pradosh period, Lord Shankar dances on Mount Kailash and the gods sing his praises. It is said that keeping the Pradosha fast and worshiping Lord Shiva by law, removes all the sufferings of the devotee. Pradosh Vrat Muhurta - Paush, Krishna Trayodashi starts - 16:52, ends January 10 - 14: 32, January 11. According to the scriptures, Lord Shiva and Mother Parvati are worshiped on the day of Pradosh Vrat. On this day mantras of Shiva Purana and Lord Shiva are recited. It is believed that the first fast of Pradosh was done by Chandra Dev. Chandradev is believed to have developed tuberculosis due to the curse. According to mythological beliefs, keeping the Pradosh fast always keeps the blessings of Lord Shiva on the devotee. Apart from this, the sorrow and poverty of Vrati is removed.
साल का पहला प्रदोष व्रत 10 जनवरी, 2021 को रखा जाएगा। प्रदोष व्रत भगवान शिव के लिए रखा जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, हर महीने की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत आता है। प्रदोष व्रत हर महीने में दो बार रखा जाता है। मान्यता है कि प्रदोष काल में भगवान शंकर कैलाश पर्वत पर नृत्य करते हैं और देवतागण उनके गुणगान करते हैं। कहा जाता है कि प्रदोष व्रत रखने और भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा करने से भक्त के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। प्रदोष व्रत मुहूर्त- पौष, कृष्ण त्रयोदशी प्रारम्भ – 16:52, 10 जनवरी समाप्त -14:32, 11 जनवरी । शास्त्रों के अनुसार, प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है। इस दिन शिव पुराण और भगवान शिव के मंत्रों का जाप किया जाता है। मान्यता है कि प्रदोष का व्रत सबसे पहले चंद्रदेव ने किया था। माना जाता है कि श्राप के कारण चंद्रदेव को क्षय रोग हो गया था। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, प्रदोष व्रत रखने से भक्त पर हमेशा भगवान शिव की कृपा बनी रहती है। इसके अलावा व्रती के दुख और दरिद्रता दूर होती है।
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