उज्जैन: शिप्रा नदी के रामघाट पर श्रद्धालुओं ने सुबह से ही आस्था की डुबकी लगाई। नदी में स्नान कर पितरों के निमित्त तर्पण भी किया। शिप्रा में आज के दिन स्नान का विशेष महत्व है। मान्यता है कि समुद्र मंथन के समय अमृत की बूंद शिप्रा के रामघाट पर गिरी थीं। यही वजह है कि शिप्रा को मोक्षदायिनी भी माना जाता है। महाकाल मंदिर में भी तड़के भस्मारती में भगवान महाकाल का तिल के जल से अभिषेक हुआ। तिल के लड्डुओं का भोग लगा। बाबा महाकालेश्वर के दरबार को मकर संक्रांति के अवसर पर रंग-बिरंगी पतंगों से सजाया गया है। जो श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।सुबह से ही भक्तों के दर्शन का सिलसिला चलता रहा।