मध्यप्रदेश कांग्रेस ने मुरैना में विशाल किसान खाट महापंचायत में हुंकाई भरी। जहां हजारों किसानों की मौजूदगी में पूर्व सीएम कमलनाथ ने केंद्र सरकार पर हमला बोला। कमलनाथ ने कहा कि देश की 70 प्रतिशत अर्थव्यवस्था कृषि क्षेत्र पर आधारित है। किसान विरोधी क़ानूनों से ना सिर्फ़ कृषि क्षेत्र व किसान बर्बाद होगा, बल्कि इससे जुड़ा हर क्षेत्र बर्बाद होगा। केन्द्र सरकार को किसानो की मांग मानते हुए किसान विरोधी तीनों काले क़ानूनों को तत्काल वापस लेना चाहिए। आज किसान कड़ाके की ठंड में अपनी मांगों को लेकर पिछले 56 दिन से आंदोलन कर रहे है। अभी तक 60 से अधिक किसानो की मौत हो चुकी है लेकिन सरकार का अड़ियल और तानाशाही रुख़ बना हुआ है।साथ ही कहा कि कांग्रेस किसानो के हर संघर्ष में उनके साथ है। जब तक किसानों की मांगे मान नहीं ली जाती, तब तक यह संघर्ष जारी रहेगा।
कमलनाथ ने कहा, पहले देश में अमेरिका से गेहूं आयात होता था, लेकिन इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने कृषि कानूनों में सुधार किए, मंडी व्यवस्था लागू की, फसलों पर समर्थन मूल्य दिया। नतीजा सबके सामने है। आज हमारे यहां पैदा हुआ अनाज विदेशों में निर्यात हो रहा है। उन्होंने तीनों कृषि कानूनों के बारे में बताते हुए कहा कि हमारे कृषि क्षेत्र का निजीकरण किया जा रहा है। बड़े-बड़े उद्योगपतियों को मंडी का स्टेटस दिया जाएगा। आज सोयाबीन का भाव 4 हजार रुपए क्विंटल है, जिसे उद्योगपति 500 रुपए कम देकर खरीदेंगे और इसी सोयाबीन का तेल निकालकर 6 से 7 हजार क्विंटल में बेचेंगे।
साथ ही, समर्थन मूल्य की व्यवस्था खत्म हो जाएगी। सोसाइटियां खत्म होने पर खाद-बीज सीधे उद्योगपतियों के हाथ में पहुंच जाएगा। जब किसान पर खाद-बीज नहीं होगा, तो किसान उद्योगपतियों से कहेंगे कि हमें खाद-बीज दे दो, हम आपके लिए खेती करेंगे, यही कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग है। कुल मिलाकर केंद्र सरकार बंधुआ किसान का निर्माण करना चाहती है।
खाट महापंचायत में कमलनाथ ने कांग्रेस शासन में जनता और किसानों के हित में किए कामों के बारे में भी बताया और सच्चाई का साथ देने की अपील की। वहीं खाट महापंचायत को पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी, पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा, पूर्वमंत्री लाखन सिंह यादव, जयवर्धन सिंह सहित आधा दर्जन नेताओं ने भी संबोधित किया।