बसंत पंचमीका त्योहार 16 फरवरी को है। हिंदू मान्यता के अनुसार, बसंत पंचमी के दिन ही मां सरस्वती का जन्म हुआ था। प्रचलित एक पौराणिक कथा के अनुसार, बसंत पंचमी के दिन भगवान ब्रह्मा ने मां सरस्वती की रचना की थी। ब्रह्मा जी ने एक ऐसी देवी की संरचना की, जिनके चार हाथ थे। एक हाथ में वीणा, दूसरे हाथ में पुस्तक, तीसरे हाथ में माला और चौथा हाथ वर मुद्रा में था। ब्रह्मा जी ने मां सरस्वती को वीणा बजाने के लिए कहा, जिसके बाद संसार की सभी चीजों में स्वर आ गया। यही कारण है कि उन्होंने सरस्वती मां को वाणी की देवी नाम दिया। बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की विधि-विधान से पूजा की जाती है। पूजा के दौरान मां सरस्वती को कुछ खास चीजों का भोज लगाने से बुद्धि के वरदान की प्राप्ति होती है।
Basant Panchamika festival is on 16 February. According to Hindu belief, Mother Saraswati was born on the day of Basant Panchami. According to a popular legend, Lord Brahma created Mother Saraswati on Basant Panchami. Brahma Ji created a goddess who had four hands. The Veena in one hand, the book in the other hand, the Mala in the third hand and the fourth hand was in the Vara Mudra. Brahma ji asked mother Saraswati to play the veena, after which all the things in the world sounded. That is why she named Saraswati Maa the goddess of speech. On the day of Basant Panchami, Mother Saraswati is worshiped with rituals. During the puja, the mother Saraswati receives a boon of wisdom by eating some special things
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