*शुजालपुर* कोरोना महामारी में मौत के तांडव के बीच शुजालपुर मुक्ति धाम में एक सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल देखने को मिलती है जहां दो हिन्दू भाई ओमप्रकाश और सुनील अपने एक मुस्लिम साथी अमीन के साथ शमसान में मोर्चा संभाले हुए हैं। संक्रमण से हुई मौत के बाद जहां परिजन भी अपनों के अन्तिम संस्कार से दूरी बनाए दिखते हैं ऐसे में यह तीनों ना सिर्फ शमसान में चिता तैयार करते हैं बल्कि उनके अंतिम संस्कार के साथ अस्थि संचय में भी मृतक के परिजनों की सहायता करते हैं। महामारी का ऐसा विक्राल रूप हमनें पहले कभी नहीं देखा जहां शमसान में लाशों के ढेर लगे हैं। ऐसे में अपनी जान को जोखिम में डालकर मृतकों के अंतिम क्रिया में इनका यह सहयोग काबिले तारीफ है ऐसे कोरोना वारियर्स के जज्बे को हम सलाम करतें है।