Vat Savitri Vrat worship has been described in detail in Skanda Purana and Bhavishya Purana. It has been told in both these Puranas that on the new moon day of Jyeshtha month, married women should worship Vatsavitri fast for the long life of their spouse. The rule of this fast is that the tree of Vat should be worshiped during the day on Amavasya Tithi. Goddess Savitri, wife of Brahmaji and Brahmaji should be worshiped by placing sweet and juicy substances in front of the banyan tree.
वट सावित्री व्रत पूजन का विस्तार से वर्णन स्कंद पुराण और भविष्य पुराण में किया गया है। इन दोनों पुराणों में बताया गया है कि ज्येष्ठ मास की अमवस्या तिथि के दिन सुहागन महिलाओं को अपने सुहाग की लंबी उम्र के लिए वटसावित्री का व्रत पूजन करना चाहिए। इस व्रत का नियम है कि अमावस्या तिथि में दिन के समय वट के वृक्ष की पूजा की जानी चाहिए। वट वृक्ष के सामने मीठे और रसयुक्त पदार्थों को रखकर ब्रह्माजी की पत्नी देवी सावित्री और ब्रह्माजी की पूजा की जानी चाहिए।
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