अफगानिस्तान पर कब्जे करने के साथ ही तालिबान शासन लागू हो गया है। वहीं, बुधवार को तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने पहली बार प्रैस काॅफ्रेंस की जिसमें उन्होने तालिबान की एक नई छवि पेश करने की कोशिश की। तालिबान का कहना है कि अफगानिस्तान में लोकतंत्र से नहीं ब्लकि शरिया कानून से सरकार चलेगी। बता दें कि इसी के चलते वहां के स्थानीय लोग यहां तक कि देश का राष्ट्रपति अशरफ गनी भी देश छोड़ कर भाग गए हैं। क्या है शरिया कानून?
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