According to the Hindu calendar, Pitru Paksha starts every year from Bhadrapada Purnima Tithi, ends on Ashwin Amavasya Tithi. This year Pitru Paksha also known as Shradh Paksha is starting from 20th September. According to religious beliefs, during the 16 days of Pitru Paksha, we remember our ancestors and worship them. Such a person who is not alive after taking birth on this earth is called Pitra. Whether they are married or unmarried, child or elderly, woman or man, they have died, they are called fathers. For the peace of the souls of ancestors, tarpan is offered to them in the Pitru Paksha of Bhadrapada month. As soon as the ancestor's side ends, blessing the relatives, the ancestors go back to the world of death.
हिंदू पंचांग के अनुसार प्रत्येक वर्ष भाद्रपद पूर्णिमा तिथि से पितृ पक्ष प्रारंभ हो जाते हैं, आश्विन अमावस्या तिथि पर समाप्त होते हैं। इस वर्ष 20 सितंबर से पितृपक्ष जिसे श्राद्ध पक्ष भी कहा जाता है, शुरू हो रहा है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पितृ पक्ष के 16 दिनों में हम अपने पितरों को याद करते हैं और उनको पूजते हैं। ऐसे व्यक्ति जो इस धरती पर जन्म लेने के बाद जीवित नहीं है उन्हें पितर कहते हैं। ये विवाहित हों या अविवाहित, बच्चा हो या बुजुर्ग, स्त्री हो या पुरुष उनकी मृत्यु हो चुकी है उन्हें पितर कहा जाता है। पितरों की आत्मा की शांति के लिए भाद्रपद महीने के पितृपक्ष में उनको तर्पण दिया जाता है। पितर पक्ष समाप्त होते ही परिजनों को आशीर्वाद देते हुए पितरगण वापस मृत्युलोक चले जाते हैं।
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