In the Hindu calendar where 16 days of every year are dedicated to the ancestors. At the same time, these 16 days are also called Pitru Paksha or Shradh Paksha. Many times the number of these days becomes less or more if there is no date of Shradh in the middle of the date or if the date is not falling, the number of these days becomes more or less. On the other hand, out of the 16 days of Shradh Karma, each day carries a special feature in itself, that is why no one can perform Shradh on any day. For this, the date of Shradh is fixed on the basis of the death of every person, only one day Navami date has been fixed for women only. On the basis of these dates, Shradh rituals have been decided.
हिंदू कैलेंडर में जहां हर वर्ष के 16 दिन पितरों को समर्पित रहते हैं। वहीं इन 16 दिनों को पितृ पक्ष या श्राद्ध पक्ष भी कहा जाता है। कई बार तिथि गलने पर इनकी संख्या कम या किसी दिन बीच में श्राद्ध की तिथि नहीं पड़ने पर इन दिनों की संख्या कम या ज्यादा भी हो जाती है। वहीं श्राद्ध कर्म के 16 दिनों दिनों में से हर दिन अपने आप में एक खास विशेषता लिए होता है, इसी कारण किसी का भी श्राद्ध किसी भी दिन नहीं किया जा सकता। इसके लिए हर व्यक्ति की मृत्यु के आधार पर उसके श्राद्ध की तिथि निश्चित होती है, केवल महिलाओं के लिए ही सिर्फ एक दिन नवमी तिथि निश्चित की गई है। वहीं इन तिथियों के आधार पर ही श्राद्ध कर्म निश्चित किए गए है।
#SarvaPitruAmavasya2021 #Deepdaan